Wednesday, February 7, 2024

डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा की सोच - असर किधर है नजर किधर?

 डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा की सोच - असर किधर है नजर किधर?

सनातन सत्य है की डॉक्टरों या समाज के उच्च बौद्धिक कार्य करने वालों से जान सामान्य के रिश्ते हमेशा मधुर नहीं रहे हैं. बल्कि कहें की कभी भी मधुर नहीं रहे हैं . . .  हनुमान जी ने सुखेन वैद्द्य का लंका के राजकीय प्रासाद से अपहरण किया गदे की धमकी दी - नहीं, भगवान राम ने ज्ञान की बात भी की, जिसके बाद सुखेन वैद्य सुधर गए, लेकिन उसके पहले हनुमान जी अपना काम गदा की धमकी से कर चुके थे . . . वहां पर समुद्र से किये गए अनुनय विनय का समय नहीं था - इमरजेंसी जो था . . . 

पिछले दो दशकों से डॉक्टरों और अस्प्तालाओं के खिलाफ सोच में फर्क हुआ है ऐसा कुछ लोग सोच सकते हैं पर यह चिरातन, सनातन सत्य है की डॉक्टरों या समाज के उच्च बौद्धिक कार्य करने वालों से जान सामान्य के रिश्ते हमेशा मधुर नहीं रहे हैं. हनुमान जी ने सुखेन वैद्द्य का लंका के राजकीय प्रासाद से अपहरण किया गदे की धमकी दी - नहीं, भगवान राम ने ज्ञान की बात भी की, जिसके बाद सुखेन वैद्य सुधर गए, लेकिन उसके पहले हनुमान जी अपना काम गदा की धमकी से कर चुके थे . . . वहां पर समुद्र से किये गए अनुनय विनय का समय नहीं था - इमरजेंसी जो था . . . 

सिकंदर ने अपनी मौत के बाद डॉक्टरों को अपने शव को शमशान तक ले जाने का फरमान जारी किया था तो आज के नेता डॉक्टरों का अपमान करने में सबसे आगे हैं यह कोइ बड़ी बात नहीं है . . . 

इस सबसे के बीच डॉक्टटोरन के आपसी मतभेद भी कम नहीं हैं - मनुस्मृति हजारों सालों पहले लिखा है की विद्वानों का आपसी मतभेद हीं जान सामान्य के जीवन को सरल बनाता है . . . 

जारी है